क्या निराश हुआ जाए कक्षा 8 वसंत प्रश्न उत्तर

क्या निराश हुआ जाए कक्षा 8 वसंत प्रश्न उत्तर-कक्षा 8 की वसंत पुस्तक में शामिल “क्या निराश हुआ जाए” पाठ हमें जीवन में आशा और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने की प्रेरणा देता है। यह लेख जिसमें इस पाठ से संबंधित प्रश्नों के उत्तर और अतिरिक्त जानकारी दी गई है। यह न केवल छात्रों के लिए उपयोगी है बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी एक सहायक संसाधन है।

क्या निराश हुआ जाए कक्षा 8 वसंत प्रश्न उत्तर

कक्षा 8 की हिंदी पुस्तक वसंत में शामिल पाठ “क्या निराश हुआ जाए” एक प्रेरणादायक रचना है, जो हमें जीवन में सकारात्मक सोच बनाए रखने का संदेश देती है। कक्षा 8 वसंत प्रश्न उत्तर के संदर्भ में, इस पाठ से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए गए हैं, जो छात्रों को परीक्षा की तैयारी में मदद करेंगे। क्या निराश हुआ जाए प्रश्न उत्तर में लेखक के विचारों और संदेशों को विस्तार से समझाया गया है, जो पाठ को सरल और प्रभावी बनाता है।

इसके अलावा, वसंत किताब के सवाल जवाब को ध्यान में रखते हुए, छात्रों के लिए जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इस ब्लॉग में दिए गए सभी उत्तर कक्षा 8 के छात्रों के लिए बेहद उपयोगी हैं और यह कक्षा 8 हिंदी प्रश्न उत्तर को अच्छी तरह से समझने में सहायक साबित होंगे। हिंदी वसंत किताब chapter-wise solutions के साथ hindihe आपकी पढ़ाई में सहायक साबित हो सकता है।

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क्या निराश हुआ जाए कक्षा 8 वसंत का सारांश


“क्या निराश हुआ जाए” एक प्रेरणादायक पाठ है जो हमें यह समझने में मदद करता है कि कठिनाइयाँ जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन इन कठिनाइयों का सामना करते हुए हमें निराश नहीं होना चाहिए। जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं जब हमें लगता है कि सब कुछ समाप्त हो गया है, लेकिन उस समय आत्मविश्वास और धैर्य से काम लेना चाहिए। इस पाठ का संदेश यही है कि हमें हमेशा उम्मीद और आशा का दामन थामे रखना चाहिए।

क्या निराश हुआ जाए कक्षा 8 वसंत प्रश्न उत्तर (MCQs)

प्रश्न 1: लेखक के अनुसार, वर्तमान में समाज में क्या स्थिति है?

A) सभी लोग ईमानदार हैं
B) केवल उच्च पदों पर लोग दोषी हैं
C) हर व्यक्ति संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है
D) समाज में सभी सुखी हैं

उत्तर: C) हर व्यक्ति संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है

प्रश्न 2: लेखक के अनुसार, “सुखी वही है जो कुछ नहीं करताका क्या अर्थ है?

A) काम करने वाले सफल नहीं होते
B) कार्य करने से दोष उत्पन्न होते हैं
C) सभी कार्य अच्छे होते हैं
D) मेहनत करने से सुख नहीं मिलता

उत्तर: B) कार्य करने से दोष उत्पन्न होते हैं

प्रश्न 3: भारतवर्ष के महान मनीषियों के सपनों का क्या हाल है, लेखक के अनुसार?

A) वे सब पूरा हो गए हैं
B) वे टूट गए हैं
C) वे अब भी जिंदा हैं
D) वे भूल गए हैं

उत्तर: B) वे टूट गए हैं

प्रश्न 4: लेखक के अनुसार, “ईमानदारी को मूर्खता का पर्यायक्यों समझा जाने लगा है?

A) क्योंकि सभी लोग ईमानदार हैं
B) क्योंकि झूठ बोलने वाले अधिक सफल हैं
C) क्योंकि मेहनती लोग सफल नहीं होते
D) क्योंकि सच्चाई अब महत्व नहीं रखती

उत्तर: B) क्योंकि झूठ बोलने वाले अधिक सफल हैं

प्रश्न 5: “भारतवर्ष ने कभी भी भौतिक वस्तुओं के संग्रह को अधिक महत्त्व नहीं दियाका क्या तात्पर्य है?

A) भौतिक वस्तुएँ महत्वपूर्ण हैं
B) आंतरिक गुण अधिक महत्वपूर्ण हैं
C) केवल धन ही महत्वपूर्ण है
D) भौतिक वस्तुएँ और आंतरिक गुण समान हैं

उत्तर: B) आंतरिक गुण अधिक महत्वपूर्ण हैं

प्रश्न 6: “धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकताका क्या अर्थ है?

A) कानून को तोड़ा जा सकता है
B) धर्म और कानून एक समान हैं
C) धर्म की महत्ता अधिक है
D) दोनों को समान समझा जाना चाहिए

उत्तर: C) धर्म की महत्ता अधिक है

प्रश्न 7: लेखक किस प्रकार की घटनाओं को याद करता है?

A) केवल नकारात्मक घटनाएँ
B) केवल सकारात्मक घटनाएँ
C) नकारात्मक और सकारात्मक दोनों
D) केवल व्यक्तिगत अनुभव

उत्तर: C) नकारात्मक और सकारात्मक दोनों

श्न 8: “सचाई केवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी हैका क्या अर्थ है?

A) सच बोलने वाले लोग शक्तिशाली होते हैं
B) ईमानदार लोग कमजोर माने जाते हैं
C) सभी लोग सच बोलते हैं
D) सच बोलना आवश्यक है

उत्तर: B) ईमानदार लोग कमजोर माने जाते हैं

प्रश्न 9: लेखक के अनुभव में, टिकट बाबू ने क्या किया?

A) धोखा दिया
B) पैसे वापस किए
C) कुछ नहीं किया
D) उसे पकड़ लिया

उत्तर: B) पैसे वापस किए

प्रश्न 10: लेखक के अनुसार, समाज में किस तरह की भावना है?

A) दया और सहानुभूति
B) केवल स्वार्थ
C) केवल भय
D) सभी लोग एक-दूसरे से नफरत करते हैं

उत्तर: A) दया और सहानुभूति

प्रश्न 11: लेखक ने ड्राइवर को बचाने के लिए क्या किया?

A) उसकी आलोचना की
B) यात्रियों को समझाया
C) चुप रहे
D) ड्राइवर को पकड़ लिया

उत्तर: B) यात्रियों को समझाया

प्रश्न 12: “अच्छाई में उतना ही रस लेकर उजागर करना और भी बुरी बात हैका क्या अर्थ है?

A) अच्छाई को नजरअंदाज करना गलत है
B) केवल बुराई का प्रचार करना सही है
C) अच्छाई और बुराई समान हैं
D) अच्छाई का महत्व नहीं है

उत्तर: A) अच्छाई को नजरअंदाज करना गलत है

प्रश्न 13: लेखक का मानना है कि कानून को किस रूप में देखा जाना चाहिए?

A) कानून और धर्म अलग हैं
B) कानून का पालन जरूरी नहीं
C) कानून को धर्म के रूप में देखा जाना चाहिए
D) धर्म केवल एक विचार है

उत्तर: C) कानून को धर्म के रूप में देखा जाना चाहिए

प्रश्न 14: “भारतवर्ष को पाने की संभावना बनी हुई हैका क्या अर्थ है?

A) भारतवर्ष में केवल बुराई है
B) भविष्य में अच्छे परिवर्तन की उम्मीद है
C) भारतवर्ष अब नहीं बचेगा
D) कोई परिवर्तन नहीं होगा

उत्तर: B) भविष्य में अच्छे परिवर्तन की उम्मीद है

प्रश्न 15: लेखक किस स्थिति का वर्णन करता है?

A) सभी लोग खुश हैं
B) लोग केवल नकारात्मकता में जी रहे हैं
C) मनुष्यता समाप्त हो गई है
D) मनुष्यता अभी भी जीवित है

उत्तर: D) मनुष्यता अभी भी जीवित है

प्रश्न 16: “सचाई और ईमानदारी लुप्त नहीं हुईका संकेत क्या है?

A) लोग अब झूठ बोलते हैं
B) अच्छाई अभी भी मौजूद है
C) केवल बुराई है
D) ईमानदारी का कोई मूल्य नहीं

उत्तर: B) अच्छाई अभी भी मौजूद है

प्रश्न 17: “निराश मन को ढाँढस देनाका क्या तात्पर्य है?

A) लोगों को नकारात्मक बातें करना
B) सहानुभूति और सहायता प्रदान करना
C) केवल खुद को दुखी करना
D) सभी से दूर रहना

उत्तर: B) सहानुभूति और सहायता प्रदान करना

प्रश्न 18: लेखक ने किस महान व्यक्ति का उल्लेख किया?

A) गांधी
B) नेहरू
C) रवींद्रनाथ ठाकुर
D) तिलक

उत्तर: C) रवींद्रनाथ ठाकुर

प्रश्न 19: लेखक किस प्रकार के लोगों की बात करता है जो समाज में सकारात्मकता लाते हैं?

A) केवल अमीर लोग
B) केवल साधारण लोग
C) सभी लोग
D) केवल शिक्षित लोग

उत्तर: B) केवल साधारण लोग

प्रश्न 20: लेखक के अनुसार, वर्तमान समय का समाज कैसा है?

A) पूर्णतया असमान
B) नकारात्मक लेकिन उम्मीद बनी हुई है
C) सकारात्मक और खुश
D) सभी लोग सहयोगी हैं

उत्तर: B) नकारात्मक लेकिन उम्मीद बनी हुई है

क्या निराश हुआ जाए कक्षा 8 वसंत Worksheet Solutions

प्रश्न 1: लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं हैं। आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?

उत्तर: लेखक के निराश न होने का मुख्य कारण उनकी सकारात्मक सोच और जीवन के प्रति व्यापक दृष्टिकोण है। लेखक का मानना है कि समाज में दोष और धोखा होते हुए भी अच्छाई और ईमानदारी अभी भी मौजूद हैं। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों से यह समझा है कि सभी लोग धोखा नहीं देते, और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो भरोसेमंद और ईमानदार होते हैं। इसलिए, धोखा खाने के बावजूद, लेखक मानते हैं कि जीवन में निराशा के बजाय आशा और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना चाहिए।

प्रश्न 2: दोषों का पर्दाफाश करना कब बुरा रूप ले सकता है?

उत्तर: दोषों का पर्दाफाश करना तब बुरा रूप ले सकता है जब इसका उद्देश्य किसी को सुधारने या जागरूकता फैलाने के बजाय केवल किसी की छवि धूमिल करना या उसे नीचा दिखाना हो। जब मीडिया या व्यक्ति केवल नकारात्मकता पर ध्यान केंद्रित करता है और इसे सनसनीखेज बनाता है, तो यह समाज में नकारात्मकता और अविश्वास का वातावरण पैदा कर सकता है। इससे सही और गलत के बीच भेद करना मुश्किल हो जाता है, और समाज में नैतिकता का ह्रास हो सकता है।

प्रश्न 3: आजकल के बहुत से समाचार पत्र या समाचार चैनल ‘दोषों का पर्दाफाश’ कर रहे हैं। इस प्रकार के समाचारों और कार्यक्रमों की सार्थकता पर तर्क सहित विचार लिखिए।

उत्तर: समाचार पत्र और समाचार चैनलों द्वारा ‘दोषों का पर्दाफाश’ करने की सार्थकता इस बात पर निर्भर करती है कि इसका उद्देश्य क्या है। यदि इन समाचारों का उद्देश्य समाज को जागरूक करना, भ्रष्टाचार को उजागर करना और न्याय की मांग करना है, तो यह सार्थक और आवश्यक है। लेकिन यदि यह केवल टीआरपी बढ़ाने या सनसनी फैलाने के लिए किया जाता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। जब दोषों का पर्दाफाश निष्पक्ष, तर्कसंगत और जिम्मेदारी से किया जाता है, तो यह समाज के लिए हितकारी होता है, क्योंकि इससे अन्याय और भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलती है। लेकिन जब इसे नकारात्मक दृष्टिकोण से दिखाया जाता है, तो यह समाज में अविश्वास और अस्थिरता को जन्म दे सकता है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित के संभावित परिणाम क्या-क्या हो सकते हैं? आपस में चर्चा कीजिए, जैसे – ”ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है। ”

उत्तर:

  • परिणाम 1: यदि ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगे, तो समाज में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी बढ़ सकती है। लोग गलत तरीकों से सफलता पाने का प्रयास करेंगे।
  • परिणाम 2: ईमानदार लोगों का समाज में सम्मान कम हो जाएगा, और वे हतोत्साहित होकर अपनी नैतिकता छोड़ सकते हैं।
  • परिणाम 3: समाज में नैतिक मूल्यों का पतन होगा, और लोगों के बीच विश्वास और आपसी सम्मान की कमी होगी।
  • परिणाम 4: कानून और व्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि लोग नियमों और कानूनों को अनदेखा करेंगे, और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।

क्या निराश हुआ जाए कक्षा 8 वसंत अतिरिक्त प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: लेखक ने समाज में ईमानदारी और झूठ के बीच के संघर्ष को कैसे चित्रित किया है?

उत्तर: लेखक ने समाज में ईमानदारी को एक दुर्लभ गुण के रूप में प्रस्तुत किया है, जो वर्तमान समय में कमजोर और भोले लोगों के हिस्से में आ गया है। वह बताते हैं कि झूठ और फ़रेब का सहारा लेकर कुछ लोग सफल हो रहे हैं, जबकि ईमानदारी से मेहनत करने वाले लोग पिस रहे हैं। इस प्रकार, समाज में सकारात्मक मूल्यों की कमी और नकारात्मकता का बढ़ता प्रभाव दिखाया गया है।

प्रश्न 2: लेखक नेधर्मऔरकानूनके बीच के संबंध को कैसे वर्णित किया है?

उत्तर: लेखक के अनुसार, भारतवर्ष ने हमेशा कानून को धर्म का रूप माना है। वह यह बताता है कि धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता, जबकि कानून को तोड़ा जा सकता है। यह संकेत करता है कि धर्म की महत्ता कानून से अधिक है और समाज के ऊपरी वर्ग के लोग कानून में खामियों का लाभ उठाने से संकोच नहीं करते।

प्रश्न 3: लेखक के अनुसार, वर्तमान समय में समाज की स्थिति क्यों चिंताजनक है?

उत्तर: लेखक के अनुसार, वर्तमान समय में समाज में आरोप-प्रत्यारोप का वातावरण है, जिससे लोगों के प्रति संदेह बढ़ गया है। ईमानदारी और सच्चाई के मूल्यों में गिरावट आई है और लोग झूठ बोलने को अधिक महत्वपूर्ण समझने लगे हैं। इस स्थिति में, मेहनती और ईमानदार व्यक्तियों को हीन भावना का सामना करना पड़ रहा है, जो समाज के लिए चिंताजनक है।

प्रश्न 4: लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों का उल्लेख कैसे किया है?

उत्तर: लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों के माध्यम से दिखाया है कि समाज में ईमानदारी और दया अभी भी मौजूद हैं। जैसे कि एक बार टिकट बाबू ने उसकी गलती सुधारकर पैसे लौटाए और एक ड्राइवर ने बच्चों की पीड़ा को देखकर सहायता की। ये घटनाएँ दर्शाती हैं कि मनुष्यता और सहानुभूति अभी भी जीवित हैं, भले ही समाज में नकारात्मकताएँ बढ़ी हों।

प्रश्न 5: लेखक का भविष्य के प्रति दृष्टिकोण क्या है?

उत्तर: लेखक का भविष्य के प्रति दृष्टिकोण आशावादी है। वह मानता है कि भले ही वर्तमान में समाज में नकारात्मकता और भ्रष्टाचार का माहौल हो, लेकिन महान भारतवर्ष को पाने की संभावना अभी भी बनी हुई है। लेखक का मानना है कि ईमानदारी और सचाई के मूल्य अभी भी जीवित हैं और समाज में परिवर्तन संभव है।

प्रश्न 6: लेखक ने समाज मेंदोषोंकी खोज को कैसे समझाया है?

उत्तर: लेखक ने बताया है कि समाज में हर व्यक्ति दोषी दिख रहा है क्योंकि आलोचना का एक ऐसा माहौल बन गया है, जिसमें लोगों की गलतियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। वह यह भी बताते हैं कि दोष किसमें नहीं होते, और यह चिंता का विषय है कि गुणों की अपेक्षा दोषों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

प्रश्न 7: “ईमानदारी को मूर्खता का पर्यायसमझाने के लिए लेखक ने किस उदाहरण का उल्लेख किया?

उत्तर: लेखक ने उदाहरण दिया है कि वर्तमान में जो लोग ईमानदारी से मेहनत कर रहे हैं, उन्हें पिसना पड़ रहा है, जबकि जो लोग धोखे और फ़रेब का सहारा लेकर काम कर रहे हैं, वे फल-फूल रहे हैं। यह स्थिति ईमानदार लोगों को मूर्खता की ओर ले जा रही है।

प्रश्न 8: लेखक नेभौतिक वस्तुओं के संग्रहके प्रति भारतवर्ष की दृष्टि को कैसे परिभाषित किया है?

उत्तर: लेखक के अनुसार, भारतवर्ष ने हमेशा भौतिक वस्तुओं के संग्रह को अधिक महत्त्व नहीं दिया। उसकी दृष्टि मनुष्य के भीतर के महान आंतरिक गुणों पर केंद्रित है। लेखक यह स्पष्ट करते हैं कि संयम, सचाई, और आध्यात्मिकता के मूल्य भारतवर्ष के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहे हैं।

प्रश्न 9: लेखक ने समाज में कानून और धर्म के बदलते संबंध को क्यों चिंताजनक बताया है?

उत्तर: लेखक ने बताया कि आजकल कानून और धर्म के बीच अंतर किया जाने लगा है, जिससे कानून का पालन केवल एक सामाजिक दायित्व बन गया है। लोग धर्म की उच्चता को छोड़कर कानून की खामियों का लाभ उठाने में संकोच नहीं करते। यह स्थिति समाज में नैतिकता की कमी को दर्शाती है।

प्रश्न 10: लेखक की दृष्टि में, मनुष्यता और सहानुभूति को बनाए रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए?

उत्तर: लेखक का मानना है कि हमें अच्छाई की सराहना करनी चाहिए और सकारात्मकता को उजागर करना चाहिए। समाज में घटित सकारात्मक घटनाओं को सामने लाना और नैतिक मूल्यों को बनाए रखना जरूरी है। यह आवश्यक है कि हम अपने व्यक्तिगत जीवन में दया, प्रेम और सहानुभूति का प्रचार करें।

प्रश्न 11: “सचाई और ईमानदारीके प्रति लेखक का दृष्टिकोण क्या है?

उत्तर: लेखक का दृष्टिकोण यह है कि सचाई और ईमानदारी अब भी समाज में महत्वपूर्ण हैं, भले ही वे दबे हुए हैं। उनका मानना है कि हमें इन्हें नष्ट नहीं होने देना चाहिए और इन्हें संरक्षित करना चाहिए, क्योंकि यही मूलभूत मूल्य हैं जो मनुष्य को सच्चा बनाते हैं।

प्रश्न 12: लेखक ने अपने अनुभवों के आधार पर कौन सा संदेश दिया है?

उत्तर: लेखक ने अपने अनुभवों के आधार पर यह संदेश दिया है कि भले ही जीवन में धोखा और ठगी की घटनाएँ होती हैं, लेकिन मनुष्यता, दया और सहयोग की भावना अभी भी जीवित है। हमें इन सकारात्मक पहलुओं को पहचानना और उनका समर्थन करना चाहिए ताकि समाज में अच्छे मूल्यों को बढ़ावा मिल सके।

प्रश्न 13: क्या निराशा ही जीवन का अंतिम समाधान है?
उत्तर: नहीं, निराशा जीवन का अंतिम समाधान नहीं है। जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन उनका सामना धैर्य और साहस से करना चाहिए। यह पाठ हमें सिखाता है कि उम्मीद को बनाए रखना चाहिए।

प्रश्न 14: इस पाठ में लेखक ने किन परिस्थितियों में निराशा का उल्लेख किया है?
उत्तर: लेखक ने विभिन्न जीवन स्थितियों का उल्लेख किया है, जिनमें लोग असफलता का सामना करते हैं और निराश हो जाते हैं। लेकिन लेखक हमें बताता है कि हमें अपनी आशा नहीं खोनी चाहिए, क्योंकि यह सबसे कठिन समय नहीं है।

प्रश्न 15: जीवन में आशा क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: आशा जीवन को आगे बढ़ाने की ऊर्जा देती है। यह हमें कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति देती है और यह विश्वास दिलाती है कि बेहतर समय आएगा।

प्रश्न 16: “अभी भी” का प्रयोग किसलिए किया गया है?
उत्तर: “अभी भी” का प्रयोग यह दर्शाने के लिए किया गया है कि जीवन में निरंतरता और संभावनाएँ बनी रहती हैं। चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, अभी भी कुछ अच्छा हो सकता है।

प्रश्न 17: इस पाठ का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: इस पाठ का मुख्य संदेश यह है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें निराश नहीं होना चाहिए। हर कठिन समय के बाद एक बेहतर समय आता है।

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