ISKCON क्या है?ISKCON ka full form kya hai?ये सब जानकारी पाने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े ताकि आप इस्कॉन के बारे में बिस्तृत ज्ञान पा सके।और ये जरुरी भी है। आपलोग ISKON Cके बारेमें सुना होगा और उनके भक्तों को कीर्तन करते देखा भी होगा। क्या आपको उनके बारे में पता है की ये कौन है और इनकी धर्म क्या है ?क्या इस्कॉन हिन्दू है ?ऐसे बहत सारे सवाल आपके मन में कभी न कभी आता होगा। चलो आज इस लेख के माध्यम से आपका सरे प्रश्नो का जवाब देने की प्रयास करते हैं। पहले जानते हैं की ISKCON क्या है?और ISKCON ka full form kya hai?
ISKCON ka full form kya hai Hindi me?
इस्कोन का fullform है International Society for Krishna Consciousness जो एक धार्मिक संगठन है जिसकी स्थापना ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के द्वारा 1966 में न्यूयॉर्क शहर में हुआ था। गौड़ीय-वैष्णव संप्रदाय से जुड़े लोगों का ये धार्मिक संगठन है। इस्कॉन के भक्त भक्ति-योग परंपरा का पालन करते हैं। इसीलिए इस्कॉन से जुड़े हुए लोग मंदिर के साथ साथ अपने घरों में भी भक्ति-योग का पालन करते हैं।
ISKCON क्या है?क्या है ISKCON का full form
अगर ISKCON की बिचारधरा, मूल्य और मान्यताएं की बात करें तो ये सब हमारी हिंदू शास्त्रों भगवद-गीता, भगवत पुराण और श्रीमद्भागवतम पर आधारित हैं। जैसे की हमारे शास्त्रों में लिखा है की सभी जीवित प्राणियों का ये लक्ष्य होना चहिये के वे भगवान का नाम ले और उनके लिए अपना प्रेम जगाये। बस उसी तरह ISKCON हम को यही सिखाता है की हमारी जीवन की अंतिम लक्ष्य भगवन यानि lord Krishna को पाना और अपनी प्रेम को उनके लिए जगाना।
इस्कॉन भक्त गौड़ीय संप्रदाय से होते हैं जो ब्रह्म माधव या गौड़ीय वैष्णववाद अनुशासन का पालन करते हैं। जिसका अर्थ है भगवान बिष्णु की पूजा। गौड़ीय वैष्णववाद पश्चिम बंगाल के गौड़ा क्षेत्र में उत्पन्न हुई थी।
क्या है इस्कॉन भक्तों की प्रथा
कीर्तन ISKON भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कीर्तन में हरे कृष्ण मंत्र का उच्चारण या जप किया जाता है जिसमे सामूहिक हरे कृष्ण मंत्र का गायन किया जाता है। जप या गायन के माध्यम से श्री कृष्णा के प्रति उनका भक्ति व्यक्त किया जाता है। मृदंग, हाथ की झांझ और हारमोनियम जैसे वाद्ययंत्रों के साथ इस मंत्र का गायन करने के लिए भक्त सार्वजनिक रूप से इकठा होते हैं।
जप और एक धार्मिक अभ्यास है जिसमे भक्त गण हरे कृष्णा मंत्र की जप करते हैं। जप के दौरान एक माला का इस्तेमाल किया जाता है जिसको हाथों से पकड़के बार बार प्रभु श्री कृष्णा का नाम लिया जाता है।
ISKCON भक्तों के द्वारा निभाई जानेवाली अगला बिधि जिसे आरती या पूजा कहते हैं। आरती के दौरान भक्त गण कृष्ण की मूर्ति या छबि को हिन्दू रीती रिवाज में पूजते हैं। यानि पानी, अगरवती , दिया, फूल अर्पित करने के साथ कृष्ण भजन गाते हैं।कृष्णा भक्त आरती एक साथ मिलके मंदिर या अपनी घर पर करते हैं।
आमतौर पे भक्त गण रबिवार को मंदिर में इकठ्ठा होते हैं और भजन ,कीर्तन के साथ प्रभु कृष्णा का नाम जप करते हैं। इसी दौरान भक्त गण को प्रबचन भी सुनाया जाता है।
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ISKCON की नियामक सिद्धांत (Regulatory Principles)
ISKCON भक्त अपने जीवन में चार नियामक सिद्धांत को मानते हैं। ये नियम कोई प्रतिबंध नहीं है बल्कि यह व्यक्तिगत चरित्र की विकास और आध्यात्मिक चेतना को आगे बढ़ाने के लिए ISKCON भक्त अपने जीवन में पालन करते हैं।
1. स्वच्छता(Cleanliness): स्वच्छता यानि शरीर, मन और आत्मा को स्वछ बनाना जैसे पवित्र नामों का जाप करना और पवित्र शास्त्रों का अध्ययन करना। इसके अलावा कोई अवैध यौन संबंध भी नहीं (पति और पत्नी के बीच की संबध भी गैर माना जायेगा अगर वह बच्चों के प्रजनन के लिए नहीं है तो। )
2. दया(Mercy): जीवों के प्रति दया भाब दिखाना यानि मांसाहार खाना बर्जित है।हमेशा शाकाहारी रहें। ISKCON ये सिखाता है की बेवजह निर्दोष जानवरों को मारे बिना हम अपने जीवन स्वस्थ और खुशी से ब्यतीत कर सकते हैं।
3. तपस्या(Tapasya): लालच या हिंसा को त्याग करना। इसके लिए हम को किसी भी प्रकार के नशा से दूर रहना। क्यों की ये नशा अपने अंदर की दया और मित्रता को मिटा देते हैं।
4. सत्यता(Truthfulness): सत्यता(Truthfulness) ये सीखा ता है की कभी भी अपने जीवन में झूठ और जुआ को हमेशा दूर रखे। क्यों की जुआ एक ऐसी आदत है जो मनुष्य को सत्यता से दूर लेके जाता है।
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इस्कॉन का उद्देश्य(Purpose of ISKCON)
1. आध्यात्मिक ज्ञान और आध्यात्मिक जीवन तकनीक के माध्यम से दुनिया में जीवन में वास्तविक एकता और शांति फैलाना है।
2. ISKCON के माध्यम से प्रभु श्री कृष्ण की चेतना को फैलाना जो भगवद-गीता और श्रीमद्भागवतम में वर्णित हुआ है।
3. हरे कृष्णा मूवमेंट के माध्यम से समाज को प्रभु श्री कृष्ण के करीब लाने के लिए सारे मानवता को ये अहसास करना की प्रत्येक आत्मा भगवान कृष्ण की गुणवत्ता का हिस्सा है।
4. भगवान के पवित्र नाम का सामूहिक जप को सीखना और उसे प्रोत्साहित करना।
5. ISKCON के सदस्यों और समाज के लिए एक बड़े पैमाने पर भगवान कृष्ण और उनके दिव्य लीलाओं का एक पवित्र स्थान बनाना।
6. ISKCON के सदस्यों को एक दूसरे के करीब लाना जिसे उन्हें एक सरल और प्राकृतिक जीवन शैली जीने का मौका मिले।
7. इसकेलिए ये सब जानकारियां पुस्तकों, और पत्रिकाओं के माध्यम से प्रकाशित करना ताकि लोग ISKCON के बारेमें बेहतर जानकारी प्राप्त कर सके।
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ISKON की कुछ जानकारियां
मुख्यालय(Headquarters) | श्री श्री राधा माधव मंदिर,पश्चिम बंगाल |
संस्थापक(Founder) | ए सी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद |
संबद्धता(Affiliation) | गौड़ीय वैष्णववाद(Gaudiya Vaishnavism) |
गठन(founded) | 13 July 1966 (54 years ago) New York |
ISKCON website | www.iskcon.org |
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ISKON में मनाया जानेवाला त्यौहार
ISKCON भक्त अपने साप्ताहिक सभाओं जैसे हर रबिवार को इकठ्ठा होना के अलावा, बहत सरे हिंदू समरोह का भी पालन बड़े धूम धाम से करते हैं। ISKCON भक्त जन्माष्टमी, राधाष्टमी, दिवाली, गौर पूर्णिमा, एकादशी, होली, राम नवमी और गीता जयंती जैसे festivals बड़े चाब से मानते हैं। सहित हिंदू त्योहारों की एक विविध श्रृंखला मनाते हैं।
इसके अलावा ISKCON भक्त हर साल रथ यात्रा महोत्सव भी मनाते हैं। इस त्यौहार में वे भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा के रथ को खींचने के साथ सड़क पर जप और नृत्य भी करते हैं।
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ISKCON Temple भारत में कहाँ कहाँ पे है ?
भारत में ISKCON की सबसे ज्यादा 150 से अधिक मंदिर है। इसके अलावा 12 राज्यों में शैक्षणिक संस्थानों के साथ बहत सारे affiliated and non-affiliated restaurants भी है। पर्यटकों के लिए कई सारे pilgrimage hotels भी है जो पर्यटकों को यहाँ आने के लिए प्रोत्साहित करता है।
Temple(मंदिर) | Place(स्थान) |
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“Mayapur Chandrodaya Mandir of the Vedic Planetarium, Mayapur” | West Bengal |
Sri Krishna-Balaram Mandir | Vrindavan Uttar pradesh |
Vrindavan Chandrodaya Mandir | Bangalore |
Sri Sri Parthasarathi Mandir | New Delhi |
Sri Sri Radha Madhav Sundar Mandir | Chennai, Tamilnadu |
Sri Sri Radha Madhav Sundar Mandir | Siliguri, West Bengal |
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निष्कर्ष –ISKCON ka full form kya hai?
आशा करता हूँ की आज की मेरी ये पोस्ट ISKCON ka full form kya hai? आपको अछि लगी होगी .आपका सुझाब मेरे लिए महत्वपूर्ण है ।यदि कोई अधिक जानकारी चाहिए तो मुझे कमेंट करना ताकि में आपके लिए और रिसर्च कर सकूँ ।खुसी है की इस लेख के जरिये आपको ISKCON ओए उनके सिधांत के बारे में पता चला होगा .होसके तो अपने दोस्तों के साथ इसको जरुर शेयर करना ।धन्यवाद्।
FAQs
हरे कृष्ण मंत्र क्या है?(What is Hare Krishna Mantra?)
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे
भक्त एक दूसरे को प्रभु क्यों कहते हैं?
ISKCON भक्त कभी खुद को प्रभु नहीं कहते। वे दूसरों को प्रभु कहते हैं ताकि हम दूसरों को स्वामी और खुद को दास के रूप में देखते हैं। ठीक उसी प्रकार दूसरे खुद को दास के रूप में स्वीकार करके हम को प्रभु कहते हैं। इसीतरह भक्त गण एक दूसरे को सम्मान देते हैं।
क्या इस्कॉन हिंदू है?
जी हाँ इस्कॉन भक्त हिंदू है। ये हिन्दुत्वा का एक हिस्सा है जो हिंदू परंपरा जैसे कर्म और पुनर्जन्म में बिश्वास रखता है।
इस्कॉन से कैसे जुड़ें?(How to join ISKCON)
ISKCON को join करने के लिए आपको किसी भी legal formalities की जरुरत नहीं पड़ती। ये सब के लिए है। इससे जुड़ने के लिए आपको भक्तों से मिलना पड़ेगा ,श्री कृष्ण का मंत्र जप करना होगा ,कीर्तन में शामिल होना पड़ेगा और श्री कृष्ण की प्रसाद को सेवन करना पड़ेगा।
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