Motivational short story in hindi-इस लेख में हम बच्चों के लिए Motivational short story in hindi लाये हैं। यहाँ आप Tenalirama ki Kahaniyan के साथ बहत सारे funny short story in hindi का भी मजा ले सकते हो। ये सारि short story in hindi for class 1 बच्चों के लिए मनोरंजन से भरपूर है और बच्चे इनसे नैतिक शिक्षा भी ले सकते हैं।
Motivational short story in hindi
Hindihe का हमेशा ये कोशिश रहता है की बच्चों के लिए कुछ ऐसी कहानियां लाया जाये जिसे बच्चे कुछ अच्छी अच्छी बातें सिख सके। सही मायने में ये सब कहानिया जैसे -नैतिक के साथ हिंदी में लघु कहानी, बहुत छोटी कहानी हिंदी में, प्रेरक लघुकथा हिंदी में, बच्चों के लिए हिंदी में लघु कहानी ,एक छोटी सी कहानी हिंदी में, मजेदार लघु कहानी हिंदी में
भावनात्मक लघुकथा हिंदी में, अकबर बीरबल की लघु कहानी हिंदी में उनके मन में अच्छा प्रभाब के साथ नैतिक शिक्षा भी प्रदान करता है। तेनालीराम की कहानियाँ बच्चों के लिए बेहतरीन कहानी है जिसे बच्चों बहत कुछ सिख सकते हैं।
Tenalirama ki Kahaniyan hindi me
हाथी और मंत्री:
एक बार, एक आलसी हाथी काम न करने की एक योजना बनाई। वो राजा का पसंदीदा हाथी था। इसीलिए सब परेशान हो गए की अब राजा शिकार के लिए जंगल में कैसे जायेंगे। चारो तरफ हड़कंप मच गया। राजा को ये बात पता चल गया की उनकी पसंदीदा हाथी बीमार है। राजा ने दूर दर्ज से बैदो को बुलाया पर कोई हाथी को ठीक नहीं कर सका। हाथी तो जानबूझ कर ये नाटक कर रहा था। इसीलिए वो कोईभी दवाई नहीं ले रहा था। एक दिन राजा ये घोषणा करते हुए कहा की जो उस हाथी को ठीक करदेगा उसे इनाम दिया जायेगा।
चतुर मंत्री तेनाली राम ने इसके बारे में सुना और एक योजना बनाई। उसने राजा से बीमार हाथी के पास एक स्वस्थ हाथी की मूर्ति रखने को कहा। जब बीमार हाथी ने स्वस्थ हाथी को देखा तो उसे खतरा महसूस हुआ। उसे लगाकि सायद राजने सवारी के लिए एक नया हाथी लाये हे। ये देख कर हाथी सोच में पड़गया और वह कुछ ही समय में ठीक हो गया। ये देख कर राजा प्रसन्न हुआ, और तेनाली राम की बुद्धिमत्ता की प्रसंशा की और इनाम भी दिया।
नैतिक शिक्षा – यहाँ हमें ये सिखनेको मिलता है की मनुष्य की बुद्धि और ज्ञान सबसे बलवान होता है। हम अपने बुद्धिमत्ता से कोई भी काम बड़ी आसानीसे कर सकते हैं।
Tenalirama short story in hindi
लालची ब्राह्मण:
एक लालची ब्राह्मण अक्सर राजदरवार में जाता था भोजन करने के लिए। राजा हमेशा उसका आदर सत्कार करते थे और अच्छे अच्छे पकवान खिलाते थे। पर लालची ब्राह्मण जान बूझकर हमेशा भोजन के बारे में शिकायत करता था। ताकि राजा उसको खुस करने के लिए अच्छी अच्छी पकवान परोसते रहे। ब्राह्मण हर दिन रात को भोजन करने राजदरवार में पहंच जाता था और भरपेट भोजन करके लोट आता था।
तेनालीरामा ये सब देख रहाथा। एक दिन उस लालची ब्राह्मण को सबक सिखाने के लिए, तेनाली राम ने ब्राह्मण को रात के खाने पर आमंत्रित किया। ब्राह्मण खुस होक सही समय पर राजदरवार में पहंच गया। उसने देखा की मेज पर तरह तरह की ब्यंजन थाली में सजाई हुई राखी है। लालची ब्राह्मण यह देख कर खुस हो गया।
फिर तेनाली रमा ने बोलै की आप जिस थाली का चयन करेंगे उसे खाने के पश्चात अपने साथ घर ले जा सकते हैं। ये सुन के ब्राह्मण बहत खुस होगया क्यों की मेज पर सोने से लेके हीरों की थाली सजाई हुई थी। लालची ब्राह्मण की लोभ जगा और वो सोने की थाली को चुना खाना खाने के लिए ताकि खाने के बाद वो उस सोने की थलिको घर ले जा सके।
सोने की थाली में अब नियमित भोजन परोसा गया । तेनाली रमा को पता था की इस लालची ब्राह्मण सोने की थाली ही चुनेगा। इसीलिए तेनाली रमा ने उस थाली को पहलेसे ही गर्म करके रखा था। ब्राह्मण ने सोने की थाली चुनी लेकिन बहुत गर्म होने के कारण उसकी उंगलियाँ जल गईं और दर्द के मारे रोने लगा। तेनाली राम ने समझाया कि लालच दुख का कारण बनता है।
नैतिक शिक्षा – लालच बुरी बाला है और ये दुःख का कारण बनता है।
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