Class 6 Hindi Malhar Book Chapter 3 Pehli boond– कक्षा 6 हिंदी मल्हार पुस्तक अध्याय 3: पहली बूंद. hindihe कक्षा 6 हिंदी मल्हार पुस्तक के अध्याय 3, “पहली बूंद” के लिए समाधान प्रदान करता है, जो छात्रों को इस कविता में बारिश की सुंदरता को समझने में मदद करता है। ये समाधान कक्षा 6 हिंदी मल्हार पुस्तक अध्याय 3 के सभी प्रश्नों के विस्तृत उत्तर और व्याख्या शामिल करते हैं, जिससे छात्रों को अवधारणाओं की गहरी समझ मिलती है। इन समाधानों का अध्ययन करके, छात्र काव्यात्मक अभिव्यक्तियों और पहली बारिश की बूंद के महत्व को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
Class 6 Hindi Malhar Book Chapter 3 Pehli boond
यह कविता “पहली बूँद” बारिश की पहली बूँद के महत्व और उसके द्वारा प्रकृति में लाए गए बदलावों को बहुत सुंदरता से व्यक्त करती है। कविता “पहली बूँद” केवल बारिश की पहली बूँद का वर्णन नहीं करती, बल्कि यह जीवन, उम्मीद और प्रकृति के पुनर्जागरण का प्रतीक है। कवि गोपालकृष्ण कौल ने इस कविता के माध्यम से हमें यह एहसास दिलाया है कि प्रकृति में हर बदलाव एक नई शुरुआत लेकर आता है।
इन्हे भी पढ़ें
- Matrubhumi Class 6 Hindi Chapter 1 Soutions
- Gol Class 6 Hindi Malhar Chapter 2 Solutions
- Class 6 Hindi Malhar Book Chapter 3 Pehli boond
- कक्षा 6 हिंदी मल्हार पुस्तक अध्याय 4 हार की जीत समाधान
Class 6 Hindi Malhar Book Chapter 3 Pehli boond Explanation
आइए इसे पंक्ति दर पंक्ति समझते हैं:
वह पावस का प्रथम दिवस जब,
पहली बूँद घरा पर आई।
अंकुर फूट पड़ा घरती से,
नव-जीवन की ले अँगड़ाई।
धस्ती के सूखे अधरों पर,
गिरी बूँद अमृत-सी आकरा
वसुंधरा की रोमावलि-सी,
हरी दूब पुलकी-मुसकाई
पहली बूँद धरा पर आई॥
आसमान में उड़ता सागर,
लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर
बजानागढ़े जा रहे हैं
बादल धरती की तरुणाई।
पहली बूँद धरा पर आई॥
नीले नयनों-सा यह अंबर,
काली पुतली-से ये जलघरा
‘करूणा-विगलित अश्रु बहाकर,
धरती की चिर -प्यास बुझाई।
बूढ़ी धरती शस्व-श्यामला
बनने को फिर मे ललचाई।
पहली बूँद धरा पर आई॥
गोपालकृष्ण कौल’
पंक्ति 1-4:
“वह पावस का प्रथम दिवस जब,
पहली बूँद घरा पर आई।
अंकुर फूट पड़ा घरती से,
नव–जीवन की ले अँगड़ाई।“
यहाँ कवि बारिश के पहले दिन का वर्णन कर रहे हैं, जब पहली बूँद धरती पर गिरती है। यह बूँद न केवल पानी लाती है, बल्कि धरती पर नए जीवन का आरंभ भी करती है, जैसे अंकुर फूटकर बाहर आ रहा हो।
पंक्ति 5-8:
“धर्ती के सूखे अधरों पर,
गिरी बूँद अमृत–सी आकर।
वसुंधरा की रोमावलि–सी,
हरी दूब पुलकी–मुसकाई।“
इस भाग में, कवि सूखी धरती का चित्रण करते हैं, जो पहली बूँद को अमृत की तरह मानती है। जब यह बूँद गिरती है, तो धरती पर हरियाली छा जाती है और हरी दूब खिल उठती है, जैसे धरती खुश होकर मुस्कुरा रही हो।
पंक्ति 9-12:
“आसमान में उड़ता सागर,
लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर।
बजानागढ़े जा रहे हैं
बादल धरती की तरुणाई।“
यहाँ कवि बादलों और आसमान के बारे में बात कर रहे हैं। आसमान को सागर की तरह उड़ते हुए और बिजलियों के चमकने का चित्रण किया गया है। बादल धरती की युवा ऊर्जा को दर्शाते हैं, जो बारिश लाने के लिए तैयार हैं।
पंक्ति 13-16:
“नीले नयनों–सा यह अंबर,
काली पुतली–से ये जलघरा।
‘करूणा–विगलित अश्रु बहाकर,
धरती की चिर–प्यास बुझाई।“
यहाँ कवि आकाश के रंग और जलघरों का वर्णन कर रहे हैं। आकाश नीले नयनों की तरह सुंदर है और जलघरे काली पुतलियों की तरह दिखते हैं। यह बारिश धरती की लम्बे समय से चल रही प्यास को बुझाती है।
पंक्ति 17-20:
“बूढ़ी धरती शस्य–श्यामला
बनने को फिर मे ललचाई।
पहली बूँद धरा पर आई॥“
अंत में, कवि बताते हैं कि बूढ़ी धरती फिर से हरी-भरी और जीवन से भरी बनने की इच्छा रखती है। यह पहली बूँद उस परिवर्तन की शुरुआत है, जो धरती को फिर से जीवन से भर देती है।
कविता “पहली बूँद” का सारांश:
कविता “पहली बूँद” बारिश की पहली बूँद के आगमन और उसके द्वारा धरती पर लाए गए परिवर्तन का चित्रण करती है। कवि गोपालकृष्ण कौल ने बारिश के पहले दिन का वर्णन करते हुए बताया है कि जब पहली बूँद धरती पर गिरती है, तो यह नई जिंदगी का संचार करती है।
कविता में सूखी धरती की व्यथा और पहली बूँद को अमृत के समान बताया गया है, जो धरती को जीवन और हरियाली से भर देती है। कवि ने बादलों के उड़ने, बिजली के चमकने और आकाश के नीले रंग का सुंदर चित्रण किया है। यह बूँद न केवल धरती की प्यास बुझाती है, बल्कि उसे फिर से हरा-भरा और जीवन से भरा बनाने की प्रेरणा देती है।
अंत में, कविता जीवन, उम्मीद और प्रकृति के चक्र के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जो हमें यह एहसास दिलाती है कि हर बारिश की बूँद एक नई शुरुआत है।
यह कविता हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाती है और जीवन के निरंतरता के महत्व को दर्शाती है।
Hindi Malhar Class 6 Chapter 3 Pehli boond MCQS
“पहली बूँद” कविता पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न) दिए गए हैं:
- कविता “पहली बूँद” के लेखक कौन हैं?
- A) हरिवंश राय बच्चन
- B) गोपालकृष्ण कौल
- C) सुमित्रानंदन पंत
- D) बच्चन सिंह
उत्तर: B) गोपालकृष्ण कौल
- कविता में पहली बूँद का क्या महत्व है?
- A) यह धरती पर सिर्फ पानी लाती है।
- B) यह जीवन और उम्मीद का प्रतीक है।
- C) यह केवल मौसम का परिवर्तन दर्शाती है।
- D) यह केवल फूलों को खिलाती है।
उत्तर: B) यह जीवन और उम्मीद का प्रतीक है।
- कविता में “अंकुर फूट पड़ा” का क्या अर्थ है?
- A) बारिश का आना
- B) नए जीवन का आरंभ होना
- C) सूखे की समाप्ति
- D) मिट्टी का बर्बाद होना
उत्तर: B) नए जीवन का आरंभ होना
- कविता में किस चीज़ को “अमृत-सी” बताया गया है?
- A) पहली बूँद
- B) बादल
- C) सूरज की किरणें
- D) धरती
उत्तर: A) पहली बूँद
- कविता में “बूढ़ी धरती” से क्या तात्पर्य है?
- A) सूखी और बंजर धरती
- B) हरियाली से भरी धरती
- C) पुरानी धरती
- D) मौसम परिवर्तन वाली धरती
उत्तर: A) सूखी और बंजर धरती
- कविता में “नीले नयनों-सा यह अंबर” का क्या अर्थ है?
- A) बादल
- B) आकाश
- C) पानी
- D) सूरज
उत्तर: B) आकाश
- कविता का मुख्य भाव क्या है?
- A) केवल बारिश का वर्णन करना
- B) जीवन और प्रकृति के चक्र का वर्णन करना
- C) मौसम के बदलाव का उल्लेख करना
- D) खुशियों का वर्णन करना
उत्तर: B) जीवन और प्रकृति के चक्र का वर्णन करना
- कविता में “हरी दूब पुलकी-मुसकाई” का क्या अर्थ है?
- A) धरती का सूखा होना
- B) हरियाली और खुशी का अनुभव
- C) बादलों का मुस्कुराना
- D) बारिश का न आना
उत्तर: B) हरियाली और खुशी का अनुभव
- कविता में बारिश के साथ किस प्राकृतिक तत्व का विशेष उल्लेख है?
- A) चाँद
- B) सूरज
- C) बादल
- D) तारे
उत्तर: C) बादल
- “बिजलियों के स्वर्णिम पर” का क्या संदर्भ है?
- A) बादलों की चमक
- B) बारिश की बूँदें
- C) आकाश का रंग
- D) धरती का काला होना
उत्तर: A) बादलों की चमक
- कविता में “धरती की चिर-प्यास” का क्या तात्पर्य है?
- A) बारिश की कमी
- B) सूखी धरती का उल्लेख
- C) पानी की आवश्यकता
- D) सभी विकल्प सही हैं
उत्तर: D) सभी विकल्प सही हैं
- कविता के अनुसार, पहली बूँद का धरती पर गिरने से क्या होता है?
- A) जीवन का अंत
- B) जीवन का आरंभ
- C) खुशियों की कमी
- D) ठंड का मौसम
उत्तर: B) जीवन का आरंभ
- कविता में “करूणा-विगलित अश्रु” का क्या मतलब है?
- A) धरती की खुशी के आँसू
- B) बारिश के पानी
- C) दुख के आँसू
- D) बादलों की हलचल
उत्तर: A) धरती की खुशी के आँसू
- कविता में किसकी तुलना “काली पुतली” से की गई है?
- A) आकाश
- B) जलघरा
- C) धरती
- D) बूँद
उत्तर: B) जलघरा
- कविता का मुख्य संदेश क्या है?
- A) प्रकृति के प्रति असंवेदनशीलता
- B) जीवन और आशा की निरंतरता
- C) बारिश का महत्व
- D) सुख-दुख का अनुभव
उत्तर: B) जीवन और आशा की निरंतरता
Class 6 Hindi Malhar Pehli boond extra questions and answers
प्रश्न 1: कविता “पहली बूंद” का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर: कविता “पहली बूंद” में बारिश की पहली बूंद के आगमन का वर्णन किया गया है। यह बूंद न केवल धरती को ताजगी और जीवन देती है, बल्कि प्रकृति में नवजीवन का संचार भी करती है। कविता में बारिश के पहले दिन की खुशी और उसकी महत्वता को दर्शाया गया है।
प्रश्न 2: कवि ने पहली बूंद को किस प्रकार वर्णित किया है?
उत्तर: कवि ने पहली बूंद को अमृत के समान बताया है, जो सूखी धरती पर गिरकर जीवन की नई ऊर्जा का संचार करती है। वह इसे धरती के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं, जिससे धरती की प्यास बुझती है और वह फिर से हरियाली से भर जाती है।
प्रश्न 3: “पहली बूंद” कविता में प्रकृति के कौन-कौन से तत्वों का उल्लेख किया गया है?
उत्तर: कविता में कई प्राकृतिक तत्वों का उल्लेख किया गया है, जैसे बारिश की बूंद, धरती, बादल, आकाश और बिजली। कवि ने इन सभी तत्वों के माध्यम से बारिश की प्रक्रिया और उसके प्रभावों को खूबसूरती से प्रस्तुत किया है।
प्रश्न 4: कविता में ‘नीले नयनों-सा यह अंबर’ वाक्य का क्या अर्थ है?
उत्तर: ‘नीले नयनों-सा यह अंबर’ का अर्थ है कि आकाश का रंग नीले आंखों की तरह गहरा और सुंदर है। यह वाक्य आकाश की सुंदरता को दर्शाता है और इस बात का प्रतीक है कि आकाश बारिश के लिए कितना उत्तेजित है।
प्रश्न 5: कवि ने धरती की ‘चिर-प्यास’ को कैसे दर्शाया है?
उत्तर: कवि ने धरती की ‘चिर-प्यास’ को उस आवश्यकता के रूप में दर्शाया है, जो बारिश के माध्यम से ही पूरी होती है। जब बारिश की बूंदें गिरती हैं, तो धरती की प्यास बुझती है और वह फिर से हरित होती है। यह संकेत करता है कि धरती हमेशा जीवन के लिए पानी की चाह रखती है।
प्रश्न 6: कविता में “वसुंधरा की रोमावलि-सी” का क्या अर्थ है?
उत्तर: “वसुंधरा की रोमावलि-सी” का अर्थ है कि धरती हरी दूब और नई कोंपलों से भरी हुई है, जैसे रोमावलि (झूमर) के कणों से सजावट की गई हो। यह वाक्य धरती की सुंदरता और उसकी हरियाली को उजागर करता है, जो पहली बूंद से और भी बढ़ जाती है।
प्रश्न 7: कविता में बारिश की बूंद के आगमन का क्या महत्व है?
उत्तर: बारिश की बूंद का आगमन जीवन का प्रतीक है। यह सूखी धरती को फिर से जीवन देती है, उसे हरा-भरा बनाती है और प्राकृतिक संतुलन को स्थापित करती है। कवि ने इसे नवजीवन की ओर बढ़ने का संकेत माना है।
प्रश्न 8: कवि ने “बूढ़ी धरती” का क्या संकेत दिया है?
उत्तर: “बूढ़ी धरती” का संकेत उस धरती की ओर है, जो समय के साथ सूख गई है और उसकी उम्र बढ़ गई है। बारिश की पहली बूंदें उसे फिर से युवा बनाने का काम करती हैं, जिससे वह पुनः जीवन से भर जाती है।
प्रश्न 9: “आसमान में उड़ता सागर” वाक्य का क्या संदर्भ है?
उत्तर: “आसमान में उड़ता सागर” का संदर्भ बादलों की बड़ी मात्रा से है, जो आकाश में फैले हुए हैं। यह चित्रण इस बात को दर्शाता है कि कैसे बादल बारिश के लिए तैयार हैं और धरती पर जल देने के लिए आ रहे हैं।
प्रश्न 10: कविता में “करूणा-विगलित अश्रु” का क्या अर्थ है?
उत्तर: “करूणा-विगलित अश्रु” का अर्थ है कि आकाश से गिरने वाली बारिश की बूंदें धरती की प्यास को बुझाते हुए एक प्रकार की करुणा का अनुभव कराती हैं। यह भावनात्मक गहराई को दर्शाता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बारिश न केवल प्राकृतिक घटना है, बल्कि एक भावनात्मक संबंध भी है।