Class 8 Deewano ki hasti Hindi chapter MCQs

Class 8 Deewano ki hasti Hindi chapter MCQs– क्या आप NCERT कक्षा 8 की हिंदी पुस्तकों और हिंदी व्याकरण समाधान की तलाश में हैं? हम यहां आपको सभी महत्वपूर्ण विषयों और किताबों के समाधान उपलब्ध करवा रहे हैं। इस ब्लॉग में हम कक्षा 8 की प्रमुख पुस्तकों जैसे बसंत ,और भारत की खोज के समाधान पर चर्चा करेंगे।

Class 8 Deewano ki hasti Hindi chapter MCQs and Summary

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हम दौवानों की क्या हस्ती,
हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले,
मस्ती का आलम साथ चला.
हम धूल उड़ाते जहाँ चले।

आए, बनकर उल्लास अभी,
आँसू बनकर बह चले अभी,
सब कहते ही रह गए, अरे,
तुम कैसे आए, कहाँ चले?

किस ओर चले? यह मत पूछो,
चलना है, बस इसलिए चले,
जग से उसका कुछ लिए चले,
जग को अपना कुछ दिए चले,

दो बात कही, दो बात सुनी;
कुछ हँसे और फिर कुछ रोए।

छककर सुख-दुख के घूँटों को
हम एक भाव से पिए चले।

हम भिखमंगों की दुनिया में,
स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले,
हम एक निसानी-सी उर पर,
ले असफलता का भार चले।

अब अपना और पराया क्या?
आबाद_ रहें. रुकनेवाले!
हम स्वयं बैधे थे और स्वयं
हम अपने बंधन तोड़ चले।

-भगवतीचरण वर्मा

कक्षा 8 दीवानों की हस्ती हिंदी कविता का व्याख्या

पहला चरण: “हम दौवानों की क्या हस्ती,
हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले,
मस्ती का आलम साथ चला.
हम धूल उड़ाते जहाँ चले।”

इस पंक्ति में कवि खुद को एक अस्थायी अस्तित्व के रूप में प्रस्तुत करता है। वह बताता है कि हमारी जिंदगी का कोई निश्चित स्थान नहीं है; हम आज एक जगह हैं और कल दूसरी जगह चले जाएंगे। “मस्ती का आलम” इस बात का प्रतीक है कि जीवन में आनंद और खुशियाँ हमेशा हमारे साथ होती हैं, चाहे हम जहाँ भी जाएँ।

दूसरा चरण: “आए, बनकर उल्लास अभी,
आँसू बनकर बह चले अभी,
सब कहते ही रह गए, अरे,
तुम कैसे आए, कहाँ चले?”

यहाँ कवि बताता है कि वह खुशी और दुःख दोनों का अनुभव करता है। “उल्लास” और “आँसू” दो विपरीत भावनाएँ हैं, जो जीवन का हिस्सा हैं। लोग उसे देखकर प्रश्न करते हैं कि वह कैसे आया और कहाँ चला, जो यह दर्शाता है कि जीवन के सफर में लोग जिज्ञासु रहते हैं।

तीसरा चरण: “किस ओर चले? यह मत पूछो,
चलना है, बस इसलिए चले,
जग से उसका कुछ लिए चले,
जग को अपना कुछ दिए चले,”

इस भाग में कवि कहता है कि किसी दिशा में चलने का कारण नहीं पूछना चाहिए, क्योंकि चलने की एकमात्र वजह यही है कि चलना है। वह यह भी कहता है कि हमें जीवन से कुछ लेना और कुछ देना है, यह एक परिपूर्ण चक्र है।

चौथा चरण: “दो बात कही, दो बात सुनी;
कुछ हँसे और फिर कुछ रोए।
छककर सुख-दुख के घूँटों को
हम एक भाव से पिए चले।”

यहाँ कवि बताता है कि जीवन में खुशी और दुःख दोनों के अनुभव होते हैं। वह इन दोनों भावनाओं को समान रूप से स्वीकारता है, और इसे जीवन का हिस्सा मानता है। सुख-दुख को मिलाकर जीना ही असली जीवन है।

पाँचवा चरण: “हम भिखमंगों की दुनिया में,
स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले,
हम एक निसानी-सी उर पर,
ले असफलता का भार चले।”

इस भाग में कवि यह कहता है कि वह एक भिखारी की तरह है जो प्रेम को बाँटता है। यहाँ “निसानी” का मतलब है कि वह असफलताओं को अपने साथ लेकर चलता है, फिर भी प्यार बाँटने का काम करता है।

अंतिम चरण: “अब अपना और पराया क्या?
आबाद रहें. रुकनेवाले!
हम स्वयं बैधे थे और स्वयं
हम अपने बंधन तोड़ चले।”

यहाँ कवि यह कहता है कि अपने और पराये का फर्क मिट गया है। वह उन लोगों को संबोधित करता है जो रुकते हैं। वह खुद को बंधन में बंधा महसूस करता है, लेकिन अब वह अपने बंधनों को तोड़ने का निर्णय लेता है।

कक्षा 8 दीवानों की हस्ती हिंदी सारांश

इस कविता में कवि जीवन की अस्थिरता और अनिश्चितता को बयाँ करता है। वह खुशी और दुःख के अनुभवों को समान रूप से स्वीकारता है और कहता है कि चलना ही जीवन का मूल उद्देश्य है। कवि प्रेम को बाँटने का महत्व बताता है, जबकि असफलताओं को भी अपने साथ लेकर चलने की बात करता है। अंततः, वह अपने बंधनों को तोड़कर एक नई स्वतंत्रता की ओर बढ़ने का संकल्प करता है। यह कविता जीवन की यात्रा, भावनाओं और आत्म-स्वीकृति का एक खूबसूरत चित्रण है।

कक्षा 8 दीवानों की हस्ती हिंदी पुस्तक बसंत की MCQs

प्रश्न 1. ‘दीवानों की हस्ती’ कविता के कवि का नाम ______ है।
(क) भगवतीचरण वर्मा
(ख) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(ग) रामदरश मिश्र
(घ) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

प्रश्न 2. मनमौजी व्यक्ति किस ओर चलता है ?
(क) जहाँ उसका मन होता है वहाँ
(ख) उतर की ओर
(ग) पूरब की ओर
(घ) जिधर सभी लोग गए हों

प्रश्न 3. ‘आबाद’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) प्यार
(ख) बसना
(ग) मुराद
(घ) भाग्य

प्रश्न 4. भिखमंगों की दुनिया किस प्रकार की है ?
(क) भिखमंगे अजीब होते हैं
(ख) भिखमंगे बहुत विचित्र होते हैं
(ग) भिखमंगे दया नहीं करते
(घ) भिखमंगे लेना जानते हैं, देना नहीं

प्रश्न 5. धूल उड़ाकर चलने का अर्थ होगा?
(क) निश्चित होकर चलना
(ख) हाथों से धूल उड़ाना
(ग) मुंह से धूल उड़ाना
() मस्ती में डूबकर चलना

प्रश्न 6. दीवानों का हृदय कैसा होता है?
(क) भावुक
(ख) संवेदनशील
(ग) कठोर
() संवेदनशील भावुक

प्रश्न 7. दीवानों के साथ-साथ क्या चलता है?
(क) धन
(ख) दर्द
() मस्ती का आलम
(घ) स्वार्थ

प्रश्न 8. दीवाने संसार को क्या लुटाते हैं?
(क) धन
(ख) ज्ञान
() प्यार
(घ) ममता

प्रश्न 9. ‘स्वच्छंद’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) गौरव
() स्वतंत्र
(ग) बड़ा
(घ) अपना छंद

प्रश्न 10. दीवाने अपने हृदय पर कैसी निशानी ले जाते हैं?
(क) प्रसन्नता
(ख) निराशा
() असफलता
(घ) सफलता

प्रश्न 11. ‘छककर’ शब्द का क्या अर्थ है?
() तृप्त होकर
(ख) मग्न होकर
(ग) लेकर
(घ) सोकर

प्रश्न 12. दीवाने क्या उड़ाते चलते हैं?
(क) हवाई जहाज
() धूल
(ग) पतंग
(घ) तिरंगा

प्रश्न 13. दीवाने क्या बनकर आते हैं?
(क) हताश
(ख) रस
() उल्लास
(घ) राग

प्रश्न 14. ‘आलम’ शब्द का क्या अर्थ है?
() दुनिया
(ख) जमाना
(ग) नगर
(घ) शहर

प्रश्न 15. कवि ने रुकने वाले किसे कहा है?
(क) जो चलते नहीं
(ख) जो एक स्थान पर खड़े हैं
(ग) ठहरे हुए
() देशवासियों को

प्रश्न 16. ‘उर’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) कैद
() ह्रदय
(ग) चलना
(घ) घूमना

प्रश्न 17. दीवानों का हृदय कैसा होता है?
(क) नरम
(ख) संवेदनशील
(ग) भावुक
() संवेदनशील भावुक

प्रश्न 18. दीवानों के जाने पर लोग दुखी क्यों होते है?
() वो थोड़े समय में ही सबसे आत्मीयता बना लेते हैं।
(ख) क्योंकि वो दूसरों को दुख देते है
(ग) क्योंकि लोग उनसे सुखी थे
(घ) लोग उनके स्वार्थ से दुखी थे

प्रश्न 19. दीवानों को किसने बाँधा था?
(क) संबंधियों ने
() स्वयं ने
(ग) अंग्रेजों ने
(घ) पड़ोसियों ने

प्रश्न 20. वे किस रूप में बह चलते हैं?
(क) रक्त
(ख) अमृत
(ग) गीत
() आँसू

कक्षा 8 दीवानों की हस्ती हिंदी पुस्तक बसंत की समाधान

प्रश्न 1: इस कविता में “हम दीवानों” का क्या अर्थ है?

उत्तर: “हम दीवानों” का अर्थ है कि कवि अपने आप को एक मुक्त, स्वतंत्र और निराश्रित व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत कर रहा है। यह व्यक्ति जीवन के हर अनुभव को बिना किसी बंधन के जीता है, चाहे वह खुशी हो या दुख।

प्रश्न 2: कविता में “चलना है, बस इसलिए चले” का क्या संदर्भ है?

उत्तर: इस पंक्ति में कवि यह संकेत दे रहा है कि जीवन का असली उद्देश्य यात्रा करना है। वह यह स्पष्ट करता है कि हमें अपनी मंजिल या परिणाम के बारे में अधिक चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि हमें अपने अनुभवों और यात्रा का आनंद लेना चाहिए।

प्रश्न 3: “हम भिखमंगों की दुनिया में” पंक्ति का क्या महत्व है?

उत्तर: इस पंक्ति में कवि यह दर्शाता है कि भले ही वे भिखारी जैसे स्वतंत्रता से जीते हैं, लेकिन उनके पास प्यार और भावनाओं का अपार भंडार है। वह यह कहना चाहते हैं कि जीवन में भौतिक वस्तुओं से अधिक महत्वपूर्ण प्रेम और संबंध हैं।

प्रश्न 4: कवि के अनुसार सुख-दुख के अनुभव कैसे हैं?

उत्तर: कवि सुख और दुख को एक समान मानते हैं। वह यह दर्शाते हैं कि जीवन में सुख और दुख दोनों का अनुभव करना आवश्यक है और उन्हें एक साथ स्वीकार करना चाहिए। “छककर सुख-दुख के घूँटों को” पिया जाना इस बात का प्रतीक है कि जीवन के हर पहलू का आनंद लेना चाहिए।

प्रश्न 5: कविता का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर: कविता का मुख्य संदेश है कि जीवन एक यात्रा है जिसमें सुख-दुख दोनों का समावेश है। हमें बिना किसी बंधन के अपने अनुभवों को जीना चाहिए और प्रेम बांटते रहना चाहिए। बंधनों को तोड़कर स्वतंत्रता की ओर बढ़ना ही असली जीवन है।

प्रश्न 6: “धूल उड़ाते जहाँ चले” का क्या अर्थ है?

उत्तर: इस पंक्ति में कवि यह दिखा रहा है कि वे अपने सफर में स्वतंत्रता और मस्ती के साथ आगे बढ़ते हैं। “धूल उड़ाना” इस बात का प्रतीक है कि वे अपने रास्ते में किसी भी बंधन या चिंता के बिना चलते हैं, जैसे कि उनकी यात्रा में कोई अवरोध नहीं है।

प्रश्न 7: कविता में उल्लास और आँसू के बीच के संबंध को कैसे समझते हैं?

उत्तर: कवि उल्लास और आँसू को जीवन के दो पहलुओं के रूप में प्रस्तुत करते हैं। दोनों एक-दूस के पूरक हैं। जीवन में खुशी और दुख दोनों का अनुभव होता है, और यह अनुभव हमें एक समृद्ध जीवन जीने में मदद करता है।

प्रश्न 8: “आबाद रहें रुकनेवाले!” का अर्थ क्या है?

उत्तर: इस पंक्ति में कवि यह कह रहा है कि जो लोग जीवन में ठहर जाते हैं, वे सच्चे अर्थ में जीवित नहीं रहते। वे लोग अपने अनुभवों और भावनाओं से वंचित रह जाते हैं। इसीलिए, आगे बढ़ते रहना और नए अनुभवों को प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 9: “हम अपने बंधन तोड़ चले” का क्या संकेत है?

उत्तर: यह पंक्ति यह दर्शाती है कि कवि ने मानसिक और सामाजिक बंधनों को तोड़ने का निर्णय लिया है। वे अब स्वतंत्रता के साथ जीने का संकल्प करते हैं और अपने मार्ग का चयन स्वयं करते हैं।

प्रश्न 10: कविता में “निसानी-सी उर पर” का क्या महत्व है?

उत्तर: “निसानी-सी उर पर” का अर्थ है कि कवि अपनी असफलताओं को अपने हृदय पर एक चिह्न के रूप में स्वीकार करते हैं। यह चिह्न उन्हें उनके अनुभवों का मूल्यांकन करने और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। यह दर्शाता है कि असफलताएँ भी जीवन का हिस्सा हैं और हमें उनसे सीखने की आवश्यकता है।

कवि ने अपने आने को “उल्लास” कहा है क्योंकि वह जीवन में खुशियों और आनंद का प्रतीक है। जब हम किसी नए अनुभव में आते हैं, तो वह खुशी हमें भर देती है। वहीं, जाने को “आँसू बनकर बह जाना” इस बात का प्रतीक है कि जब हम किसी स्थान या स्थिति को छोड़ते हैं, तो उस क्षण में जो दुःख और वियोग का अनुभव होता है, वह आँसुओं के रूप में व्यक्त होता है। यह जीवन के दो पहलुओं—खुशी और दुःख—का संतुलन दर्शाता है।

कवि भिखमंगों की दुनिया में प्यार लुटाने की बात करता है, जो इस बात को दर्शाता है कि वह स्वच्छंदता से जीवन जीता है। जब वह अपने हृदय पर असफलता का “निशान” लेकर चलने की बात करता है, तो यह एक गहरी सोच है। यह निशान उस अनुभव को दर्शाता है जो उसने जीवन में प्राप्त किया है—ये उसकी कठिनाइयाँ और संघर्ष हैं। कवि न केवल दुखी है, बल्कि वह इन असफलताओं को अपनी पहचान का हिस्सा मानता है। यह उसे मजबूत बनाता है और उसे प्रेरित करता है कि वह आगे बढ़े।

कविता में सबसे अच्छी बात यह है कि कवि जीवन के सुख-दुख को एक साथ स्वीकार करता है। वह यह संदेश देता है कि जीवन की यात्रा में अस्थिरता और अनिश्चितता हमेशा बनी रहती है, लेकिन हमें इसे खुशी से जीना चाहिए। प्रेम को बाँटने और जीवन की कठिनाइयों को अपनी पहचान के रूप में स्वीकार करने की उसकी सोच वास्तव में प्रेरणादायक है। यह दर्शाता है कि असफलता और सफलता दोनों ही जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, और हमें हर अनुभव से सीखना चाहिए।

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