NBFC ka fullform kya hai?क्या है NBFC का अर्थ ?ये केसे काम करते हें ?अगर आपके मन में ये साडी सवाल है तो जवाब पानेके लिए इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ें .इसमें मेने NBFC के बारे मे सारी जानकारी दिया है जो आप धुंद रहे हो .चलो फिर शुरू करते हें NBFC ka fullform kya hai?से
NBFC ka fullform kya hai हिंदी में?
NBFC को non-banking financial company कहा जाता है जिसका हिंदी में अर्थ है गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी। ये कम्पनियाँ भारतीय कंपनी अधिनियम के अनुसार काम करती है। ये फाइनेंस कंपनी जरुरतमंद को ऋण (Loan) देती है।
एनबीएफसी (NBFC) का क्या मतलब होता है?
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां Companies Act, 1956 के तहत Register होते है जो जरूरतमंदों को Non Banking की सुविधा मुहैया कराती है । NBFC का प्रमुख काम में उधार देना, विभिन्न प्रकार के Shares / Stocks / Bonds / Debentures / Securities, Leasing Business, इत्यादि भी शामिल है।
आंकड़ों से ये पता चला है की हमारे देश में बहत सारे financial institutions या NBFC कंपनियां है जो जरुरतमंदो को ऋण मुहैया करने में मदत करता है।इनमे RBI के अंतर्गत लगभग 13,000 से अधिक NBFC कंपनी पंजीकृत(Registered) हैं। ये कंपनी दूसरे ऋण के साथ commercial वाहन, यात्री वाहन(passenger Vehicles), बहु-उपयोग वाले वाहन(multi-use vehicles), निर्माण उपकरण(construction equipment) और उपभोक्ता सामान(consumer goods) के लिए भी लोन मुहैया कराती है।
NBFC Company kya hai?
एक NBFC या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत होता है जिसका मुख्य काम है ऋण और अग्रिम राशि के कारोबार। इसके अलावा NBFC share ,bonds, debentures और securities के साथ lease,hire-purchase और insurance का भी काम करता है।
उदाहरण की बात करें तो निचे दिए गए सारे institutions NBFC के अंतर्गत आता है। जैसे की -निवेश बैंक, मनी मार्केट फंड, बंधक ऋणदाता, बीमा कंपनियां, निजी इक्विटी फंड इत्यादि।
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एनबीएफसी क्या है और इसके प्रकार–(Types of NBFC)
बहत प्रकार की NBFC institutions हैं जो एक तरह की बैंकिंग सेबायें मुहैया कराती है पर इनके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होती। अलग अलग तरह की ऋण प्रदान करके ये सभी financial companies जरूरतमंदों की मदत करता है। जैसे की
1 | एसेट फाइनेंस कंपनी | एसेट फाइनेंस कंपनी जिसका मूल लक्ष्य ऑटोमोबाइल(Automobile), ट्रैक्टर(tractors), Lathe machine , जनरेटर सेट(generator set ), earth moving और material handling उपकरण को फाइनेंस करती है। |
2 | इन्वेस्टमेंट कंपनी | ये कंपनी एक वित्तीय संस्थान है जो प्रतिभूतियों (securities)का अधिग्रहण करती है। |
3 | लोन कंपनी | ये कंपनी एक वित्तीय संस्थान होती है जो वित्त(finance ) प्रदान करता है ऋण या अग्रिम के रूप में |
4 | इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी | ये भी एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी है जो इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ऋण प्रदान करती है। |
5 | हाउसिंग फाइनेंस कंपनी | हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है जो घरों के अधिग्रहण या निर्माण के लिए जरुरतमंदो को फाइनेंस मुहैया कराती है। |
6 | माइक्रो फाइनेंस कंपनी | माइक्रोफाइनेंस कंपनियां जो की वित्तीय संस्थान हैं जो कम आय वाले समूहों को loan या finance प्रदान करते हैं। यहाँ पे loan की रकम अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम होती है। |
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बैंकों और NBFC में क्या अंतर है?
एनबीएफसी बैंकों के कार्य प्रणाली के समान कार्य करते हैं पर ये बैंक नहीं है। ये कंपनियां बैंक की तरह लोगों को ऋण देते हैं और छोटे बड़े कंपनी में निबेश भी करते हैं। पर इन सबके बावजूद ये बैंक् से अलग है। जैसे –
- एनबीएफसी demand deposits को accept नहीं कर सकता है।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां payments और settlement नहीं कर सकते।
- वे checks issue नहीं कर सकती हैं।
- जमा बीमा (deposit insurance) NBFC जमाकर्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं होता।
Features(विशेषताएं) | Banks | NBFCs |
---|---|---|
द्वारा विनियमित(regulated by) | बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 | कंपनी अधिनियम 2013 |
ऋण स्वीकृति प्रक्रिया(loan approval process) | तुलनात्मक रूप से शख्त | आसान और तेज |
उत्पाद की पेशकश(product offering) | सभी प्रकार के ऋण | केवल संपत्ति ऋण |
मागं जमा(demand deposit) | स्वीकार किए जाते हैं | मंजूर नहीं |
ब्याज बेंच मार्क(interest bench mark) | Base rate + Margin | RPLR-Spread |
ब्याज दर(Rate of interest) | ब्याज दर तुलनात्मक रूप से कम | संपत्ति और आवेदक पर निर्भर करता है |
ओवरड्राफ्ट सुबिधा (Overdraft facility) | उपलब्ध हैं | उपलब्ध नहीं है |
आरक्षित अनुपात बनाए रखें(maintain reserve ratio) | आरक्षित अनुपात बनाए रखना अनिवार्य हैं | अनिवार्य नहीं हैं |
पूर्वभुगतान(prepayment) | सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध हैं | चेक भुगतान |
NBFC के लाभ (Advantages of NBFC)
- NBFC में ऋणों का पुनर्भुगतान बहत ही आसान और सरल है।
- एनबीएफसी छोटे छोटे कर्जदारों पर ज्यादा ध्यान देती है जिसकी बजह से लघु उद्योग तेजी से grow कर रही है।
- इनकी ऋण स्वीकृति(approval) और संवितरण(disbursement) प्रक्रिया आसान,सरल और तेज होती है।
- सबसे बड़ी बात ये है की ऋण राशि आबेदनकारी को कम समय में वितरित की जाती है।
- ऋण देनेके लिए NBFC आबेदनकारी का CIBIL Score या credit score पर निर्भर नहीं रहता।
- NBFC के द्वारा दिए गए ऋण की ब्याज बैंकों के ब्याज दरों के बराबर होती है
- ये मुद्रा बाजार यानि money market में व्यापार कर सकते हैं
- investors की वेल्थ मैनेजमेंट यानि स्टॉक और शेयरों को manage करते हैं।
- आप ये कह सकते हो की एनबीएफसी उधार या ऋण लेने के एक आसान और सरल उपाय है यदि बैंको से आपको ऋण मिलने में दिक्कत होती है तो।
NBFC के नुकसान (Disadvantages of NBFC)
- एनबीएफसी कंपनी demand deposit स्वीकार नहीं कर सकते।
- यह Payment and Settlement System का हिस्सा नहीं है।
- NBFC कंपनी Cheque issue नहीं कर सकता।
- एनबीएफसी जमाकर्ताओं को deposit insurance facility मुहैया नहीं कर सकता।
- देखा जाये तो लगभग सभी एनबीएफसी कंपनी जमा स्वीकार नहीं कर सकते।
- एनबीएफसी की सुचारू संचालन के लिए नियामक संस्था(Regulatory body) सख्त है।
NBFC ब्याज दर-(NBFC Interest rate)
एनबीएफसी- माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने सारे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा ग्राहक से ली जाने वाली ब्याज दरों को नियंत्रित कर कर रहा है।ऋण समझौते के नियमों और शर्तों के हिसाब से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों अपने उधारकर्ता से ब्याज बसूलते हैं। इसके लिए सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को पारदर्शी होना पड़ेगा। विभिन्न श्रेणियों की ब्याज दरों को आबेदन और स्वीकृति पत्र आदि में स्पष्ट रूप से सूचित किया जाता है।
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एनबीएफसी का कार्य-(function of NBFC)
- भारत सरकार एनबीएफसी के माध्यम से मुद्रा योजना चलती है जिसे माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड फाइनेंस एजेंसी(Micro Units Development and Finance Agency) कहते हैं । इस योजना से लोगों को छोटे छोटे लोन मुहैया कराती है।
- एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) अपने ग्राहकों की विविध वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के साथ देश में समावेशी विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
- NBFC सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को उनकी जरुरत के हिसाब से उपयुक्त वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है जिसे वे और देश दोनों तरकी कर रहे हैं।
- एनबीएफसी ग्रामीण क्षेत्रों की बिकाश के लिए परिवहन, रोजगार , धन सृजन, बैंक ऋण को बढ़ावा देता है जिसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का अर्थव्यवस्था में विकास हो।
- ये कंपनी बीमा से जुडी जानकारी, वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन आदि अपने ग्राहकों को मुहैया कराती है ।
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भारत में शीर्ष 20 एनबीएफसी कंपनी(Top 20 NBFC company in India)
Power Finance Corporation Limited | Rural Electrification Corporation Limited | Bajaj Finance Limited | Shriram Transport Finance Company Limited |
Indian Railway Finance Corporation Limited | Mahindra & Mahindra Financial Services Limited | HDB inancial Services Ltd | Muthoot Finance Limited |
Cholamandalam Investment and Finance Company Limited | L&T Infrastructure Finance Company Limited | Capital First Limited | Manappuram Finance Limited |
L&T Finance Limited | IFCI Limited | Reliance Capital Limited | Kotak Mahindra Prime Limited |
Shriram City Union Finance Limited | Tata Capital Financial Services Limited | Aditya Birla Finance Limited | India Infrastructure Finance Company Limited |
निष्कर्ष –NBFC ka fullform kya hai?
यहाँ पे आज की मेरी ये पोस्ट NBFC ka fullform kya hai? को समाप्त करते हैं। आशा करता हूँ की आज आपको कुछ नयी जानकारी मिली होगी। हो सके तो ये पोस्ट को दुश्रों तक पहुंचाए ताकि वे भी NBFC के बारे मे जान सके। तो आज का ये पोस्ट NBFC ka fullform kya hai? कैसा लगा कमेंट में बताना और शेयर करना। धन्यवाद्।
FAQs-NBFC ka fullform kya hai?
NBFC क्या है ?
NBFC का मतलब है गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी जो की कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत एक कंपनी है जिसका प्रमुख काम है ऋण और अग्रिम राशि जरुरतमंदो को मुहैया कराना। इसके अलावा ये कंपनियां सरकार या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए शेयरों / स्टॉक / बांड / डिबेंचर / बीमा का कारोबार भी करती है।
एनबीएफसी उदाहरण क्या है?
निवेश बैंक, बंधक ऋणदाता, मनी मार्केट फंड, बीमा कंपनियां, हेज फंड, निजी इक्विटी फंड।ये सभी एनबीएफसी के अंतर्गत अति है ।
वित्तीय संस्थाओं का मुख्य कार्य क्या है?
वित्तीय संस्थानोँ का मुख्य काम जरुरतमंदों की मदत करना रुण के रूप में। छोटे से लेकर बड़े उद्योगों को पूंजी इन बित्तीय संसथान करती है। अगर देश में उद्योग अछे से चलेंगे तो इससे रोजगार भी मिलेगा।